चल पड़ा था,
दिल में हौसला,
इरादों में दम,
आँखों में कुछ सपने लिए ।
चलते-चलते,
भूल गया था जीना,
चले जा रहा था,
बस चलने की कसमें लिए ।
छाँव मिली,
साकार सपनों ने,
याद दिलाया,
अब जीना है अपने लिए ।