Tuesday 27 August 2024

सपने

चल पड़ा था,

दिल में हौसला,

इरादों में दम,

आँखों में कुछ सपने लिए । 


चलते-चलते,

भूल गया था जीना,

चले जा रहा था,

बस चलने की कसमें लिए । 


छाँव मिली,

साकार पनों ने,

याद दिलाया,

अब जीना है अपने लिए ।