Sunday 14 June 2015

अनुभूति


मोबाइल को फुल रिचार्ज कराके ,
बिना बात के बातें करना ,
बात फिर भी ख़त्म न होती ,
प्रथम प्रेम की अनुपम अनुभूति।

सारी रात करवट ले-लेकर,
खुली आंखोँ से स्वप्न देखना ,
नींद कभी न पूरी होती ,
प्रथम प्रेम की अनुपम अनुभूति।

बात-बात पर गुस्सा होकर ,
यूहीं रूठना और मनवाना ,
 हर पल मेरे हृदय को छूती ,
प्रथम प्रेम की अनुपम अनुभूति।

 प्रिय-विरह के दुःख में पिसकर ,
हर चेहरे में उसे देखना ,
मधुर मिलन के सपने बुनती ,
प्रथम प्रेम की अनुपम अनुभूति।