तेरे पाँव हसीं हैं ये उनकी ख़ता है
क़ैद-ए-पाज़ेब उनकी यही सज़ा है
पहनाऊँ भी मैं मनु उतारूँ भी मैं
यही मेरी रज़ा है यही मेरी जज़ा है